हेल्लो देस्तो मेरे साथ हुई एक सच्ची घटना के बारे में
बता रही जो दो साल पहले हुई थी मेरे साथ
मेरा नाम राधा है जैसे की आप लोगो को पता है , मैं रायपुर में रहती हूँ , मेरी उम्र 35 साल है मेरा एक बेटा भी है ८ साल का | मेरे पति बहार काम करते है | एक दो महीने में आते जाते रहते है , हम लोग यहाँ किराये के मकान में रहते है ,दो साल पहले की बात है , हम लोग एक नए घर में सिफ्ट हुए थे , जो की रायपुरा में था न्यू कॉलोनी थी ,
एक महिना गुजर जाने क बाद हमारे बगल में जो घर था उसमे एक लड़का किराये से आया , स्टूडेंट था बिलासपुर से आया था , अकेले रहता था , मैं जब भी छत में जाती तो वो देखते रहता था मुझे , कई बार स्माइल भी किया पर उतना ध्यान नहीं देती थी ,
मैं अक्सर नहाने क बाद अपने कपडे सुखाने छत में जाया करती थी , ओर बाल सुखा कर आती थी उस टाइम ठण्ड का समय था , वो रोज कॉलेज नहीं जाता था , जब भी मैं ऊपर जाती वो भी कुछ न कुछ काम से आ जाता
दिखने में अच्छा था गोरा नारा बॉडी भी अच्छी थी लगभग २३ 24 का रहा होगा , मुझसे बात करने की कोशिश करते रहता , मेरे बेटे से दोस्ती कर लिया था , एक दिन मेरी पेंटी हवा से उड़ कर उसके छत में चले गई थी
मैं डंडे से उसका लेन की कोशिश कर रही थी तभी अचानक वो आ गया . मुझे देख स्माइल किया ओर बोला की आप मुझे कह देते मैं दे देता आपको आपकी पेंटी . उसने मेरी पेंटी उठा कर देखने लगा बहुत सेक्सी है आपकी पेंटी बोला , आपकी की तरह , मैं भी स्माइल की ओर बोली हाँ वो तो है , अब दो मेरी पेंटी जल्दी . फिर वो बोला की पेंटी के बदले मुझे आपकी दोस्ती चाहिए , मैं बोली ठीक है , फिर वो दिया पेंटी . फिर हम लोगो की बात होने लगी
वो मुझे भाभी बोलता था , रोज शाम को छत में बात करते थे वो मेरे बेटे को घूमता फिरता खिलाता , अक्सर मेरा बेटा उसी की यहाँ रहता , उसको कभी कभी सब्जी भी दिया करती थी , अच्छी जान पहचान हो गई थी उससे ,
उसका मेरे घर आना जाना आम हो गया था , कभी भी आ जाता बेटे के साथ खेलता मेरे काम में हाथ बटाता,
मैं अकेले रहती थी इसलिए सोचती थी की चलो कोई तो है जो मदत कर देता है ,
एक दिन मैं अपनी ब्रा पेंटी सुखा कर आई जब शाम को कपडे उठाने गई तब मेरी पेंटी नहीं दिखी सोची की फिर बगल में उड़ के चले गई होगी , उसके छत में देखि कही दिखी नहीं . उस दिन वो कॉलेज गया था लेट आया घर
मै सोची कही ओर चले गई होगी , उड़ कर आसपास | बहुत देखि नहीं दिखी . फिर मैंने सोचा चलो छोडो फिर जाने दो उसको , फिर दुसरे दिन सुखा के आई , शाम को फिर नहीं मिली , मैं खोज खोज के परेशांन हो गई ,|गई तो गई कहा , उसके छत में भी नहीं थी , शाम को जब वो कालेज से आया तो उसको पूछी की मेरी पेंटी देखे क्या तुम्हारे छत में तो नहीं है , उसने कहा नहीं भाभी नहीं है , आप जाके खुद देख लो , मैं गई उसके छत सब तरफ देखि नहीं मिली . मैं सोच में पड़ गई , दो दिन से कहा चले जा रही मेरी पेंटी ,
रात को जब मैं लड़के को सब्जी देनी गई तब उसका बेडरूम खुला था लाइट कम जल रही थी मैं सोची टीवी देख रहा होगा , मैं धीरे से देखि तो वो अपने लैपटॉप में पोर्न मूवी देख रहा था ओर मेरी पेंटी को सूंघ रहा था . . अपने पेंट से लंड को बहार निकल कर सहला रहा था ओर मेरी पेंटी को अपने लंड से रगड़ रहा था , तब मैं समझी मेरी पेंटी चोर यही है , उसका लंड अच्छा था बड़ा गोरा गोरा , मैं चुप चाप वापस आ गई . दुसरे दिन जब मैं नाहा कर ऊपर गई तब वो भी ऊपर ही था धुप मैं बैठ कर पढ़ रहा था . मैं बोली कैसे हो मेरी पेंटी पता नहीं दो दिन से चोरी हो जा रही , पर मुझे पता चल गया चोर कोन है , वो घबरा गया , बोला कोन है भाभी , मैं बोली शाम को बताउंगी . अगर आज चोरी नहीं हुयी तो , कह कर निचे आ गई . शाम को गई कपडे उठाने तब थी मेरी पेंटी . मैं समझ गई की वो डर गया . अब नहीं चुराएगा . रात को उसी टाइम मैं फिर से उसके घर गई चुपक से वो अपने कमरे में पोर्न देख रहा था , मेरी पेंटी को सूंघे जा रहा था ओर अपने लंड को हिला रहा था . मुझे देख के कुछ कुछ होने लगा था ,
उसका लंड मुझे अच्छा लगा मस्त था लम्बा ओर मोटा भी , मेरी चूत मचल रही थी अन्दर अन्दर , मैं अचानक उसके रूम घुस गई ,मुझे देख वो घबरा गया , बोला भाभी आप इस टाइम कैसे . ओर जल्दी से अपने लंड को पेंट के अन्दर किया , ओर लैपटॉप को बंद किया . मैं बोली की देखो मेरी पेंटी चोर पकड़ा गया ,
वो घबराते हुए बोला सॉरी भाभी मेरे से गलती हो गई . मैं एक दिन आपकी पेंटी सुंघा तो मुझे बहुत अच्छा लगा मदहोश करने वाली खुसबू थी उसमे इसलिए ले आय था उसको , दुसरे दिन भी मैं आपकी पेंटी लेकर आया था
उसको सूंघ सूंघ का पागल हो गया था , आप बहुत सेक्सी हो भाभी , . मैं बोली की ठीक है पर काम होने के बाद वापस तो कर देते मेरी पेंटी . . वो बोला हा करने वाला था भाभी पर आज आपने देख लिया . फिर वो मेरी दोनों पेंटी को वापस किया . मैं जाते जाते उसको बोली की तुम्हारा लंड अच्छा है वैसे ओर हस के चले गई ,
अगले सुबह जब मैं छत में गई कपडे सुखाने तब वो ऊपर ही था , हाँ उसका नाम तो बताना भूल ही गई मैं
उसका नाम सागर था . तो सागर ऊपर बैठ कर पढ़ रहा था , मैं अपनी ब्रा पेंटी ओर बाकि कपडे सुखा रही थी ,
फिर वो आया ओर बोला भाभी आपको सच में मेरा लंड अच्छा लगा . मैं बोली हां अच्छा है बड़ा भी है
वो बोला की आजतक मैं सेक्स नहीं किया हु भाभी तभी रोज हिलाता हु आपकी पेंटी सुघ सूंघ कर आपकी पेंटी की खुसबू मदहोश कर देती है मुझे , मैंने कहा ऐसा कैसी खुसबू आती उसमे वो तो धुल जाती है , सागर बोला की नहीं भाभी उसमे आपकी चूत की खुसबू रहती है .
मैं बोली अच्छा इतनी अच्छी लगती है तुमको वो खुसबू मैं बोली बिना धुले वाली पेंटी दूंगी तुमको उसको सुघना ओर बताना कैसी है उसकी खुसबू . वो बोला हाँ भाभी दो न . मुझे चाहिए . आपको वापस कर दूंगा , मैं बोली ठीक है निचे गई ओंर अपनी बिना धुले वाली पेंटी उसको लाकर दी . वो बोला थैंक यू भाभी . मैं बोली शाम को दे देना वापस , फिर मैं निचे आ गई ,
शाम हुई तो देख रही थी उसको दिखा नहीं , शायद लेट आया घर , मैं करीब ९ बजे उसके घर गई देखि तो रोज की तरह पोर्न देख रहा था ओर मेरी पेंटी को सूंघ रहा था , अपना पूरा पेंट निकल कर लेता था बेड में ओर अपने लंड को सहला रहा था . मेरी पेंटी को चाट रहा था . मैं देखि तो मेरा भी जी मचलने लगा चूत में हलचल होने लगी , उसका लंड उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ क्या मस्त था गोरा नारा मोटा साफ़ सुथरा , मैं बहुत देर दरवाजे के पीछे से देखती रही उसको
ओर अपनी चूत को मसलती रही पूरी गीली हो गई थी चूत मेरी . , वो तो मगन था मेरी पेंटी को सूघने ओर चाटने में ओर अपना लंड को हिलाने में . मेरे से रहा नहीं गया ओर मैं घुस गई रूम में , मैं बोली क्या करा रहे वो अचानक मुझे देख के डर गया जल्दी से अपना पेंट पहने लगा . मैं बोली मत पहनो मैं सब देख ली , उसके पास गई ओर उसका लंड हाथ से पकड़ ली , मैं बोली सागर तुम्हारा लंड मुझे बहुत अच्छा लगता है सागर बोला हाँ भाभी आपका ही है जो करना है कर सकते हो . मैं उसके लंड को पकड़ का सहलाने लगी वो पागल हो रहा था , सागर बोला भाभी आपको चोदना चाहता हु , आपकी चूत को चाटना चाहता हूँ आप जैसा बोलोगे वैसा करूँगा . मैं बोली अच्छा . चाट लेना मेरी चूत ओर चोद लेना . पर आज नहीं . उसका लंड को जोर जोर से सहला रही थी बहुत कड़ा हो गया था उसका लंड , वो पागल हो रहा था मुझे चोदने के लिए . थोड़ी देर बाद वो पानी गिरा दिया , आहाह्ह्ह आआअह्ह्ह्ह करके बोला भाभी उफ्फ्फ्फ़ अपने मेरा पूरा पानी निकल दिया ,, मैं बोली अच्छी बात है अच्छा लगा न तुमको . वो बोला हाँ भाभी आपके हाथों में जादू है , फिर वो बथरूम गया साफ़ करके आया मैं भी अपना हाँथ धोयी . उसको बोली जाती हूँ बेटा अकेला है कल मिलते है

2 टिप्पणियाँ
Nice
जवाब देंहटाएंNice story hi
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